2023 में कब से शुरू हैं अम्बुबाची मेला? | Ambubachi Mela 2023
कामाख्या शक्तिपीठ आदिशक्ति के स्वरूप माँ कामाख्या का प्रसिद्ध मंदिर है जो असम के गुवाहाटी में स्थित है। यह मंदिर तंत्र साधना का गढ़ है और इस मंदिर में हर साल अम्बुबाची मेला का आयोजन किया जाता है जिसमे हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से भक्त आते है।
अम्बुबाची मेले का महत्व
अम्बुबाची मेला कामाख्या मंदिर सहित समूचे असम का पवित्र पर्व है जिसे बेहद श्रद्धा एवं आस्था से मनाया जाता है। इस मेले के दौरान देवी कामाख्या मंदिर के कपाट निरंतर तीन दिनों तक बंद रहते हैं।
इन तीन दिनों के दौरान देवी कामाख्या मासिक धर्म के वार्षिक चक्र से गुजरती हैं। तीन दिन बाद, देवी कामाख्या की मूर्ति को पवित्र स्नान कराया जाता है और विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किये जाते हैं।
अम्बुबाची मेले के चौथे दिन, देवी कामाख्या के दर्शन के लिए मंदिर के द्वार एक बार फिर से खोल दिए जाते है। तांत्रिक विशेष सिद्धियों के लिए मेले में आते हैं, क्योंकि माँ कामाख्या तंत्र साधना की प्रमुख देवी हैं।
क्यों विशेष है अम्बुबाची मेला?
कामाख्या देवी मंदिर में हर साल अम्बुबाची मेले का आयोजन मानसून के दौरान किया जाता है। यह मेला माता कामाख्या के वार्षिक मासिकधर्म का पर्व है जो शक्ति का महापर्व हैं।
अम्बुबाची मेला को वास्तविक अर्थों में "स्त्रीत्व का उत्सव" कहा गया है और इस पर्व को “अमेती” या “तांत्रिक उर्वरता का त्यौहार” भी कहते हैं।
अम्बुबाची मेले के समय कामाख्या मंदिर भक्तों के लिए तीन दिन तक बंद रहता है और चौथे व मेले के अंतिम दिन मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाता हैं।
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