कामाख्या मंदिर की अधिष्ठात्री देवी है कामाख्या देवी जिन्हें आदिशक्ति देवी दुर्गा का परम शक्तिशाली स्वरूप माना गया है। माँ की अलौकिक शक्तियों एवं चमत्कारों ने ही कामाख्या देवी मंदिर को विश्व में प्रसिद्ध किया है। ऐसी मान्यता है कि देवी कामाख्या अपनी शरण में आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करती है।
भारत के अद्भुत और चमत्कारिक मंदिरों में से एक है कामाख्या मंदिर जो असम राज्य की राजाधानी दिसपुर के निकट गुवाहाटी से लगभग 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है।
आदिशक्ति के समस्त शक्तिपीठों में से एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर है और इस मंदिर को तंत्र विद्या और सिद्धि का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। इसी वजह से कामाख्या मंदिर को शक्तिपीठ को महापीठ कहा जाता है।
कामाख्या मंदिर में देवी सती की योनि की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि कामाख्या मंदिर में देवी सती का योनि भाग गिरा था इसलिए यहाँ देवी दुर्गा या मां अम्बे की कोई मूर्ति या चित्र नहीं है। कामाख्या मंदिर में एक कुंड बना है जो हमेशा फूलों से ढ़का रहता है।