कामाख्या देवी मंदिर को कामरूप कामाख्या के नाम से भी जाना जाता है जो हिंदू मंदिर है और देवी कामाख्या को समर्पित है। यह मंदिर देवी दुर्गा देवी के 51 शक्तिपीठों में सबसे प्राचीन और सबसे शक्तिशाली मंदिर है। देवी कामाख्या मुख्य रूप से इच्छा की देवी तथा बहते रक्त की देवी के रूप में प्रसिद्ध है। कामाख्या देवी को सिद्ध कुब्जिका, काली और महात्रिपुर सुंदरी का स्वरूप भी माना गया है। कामाख्या मंदिर का निर्माण देवी के भक्तों ने देवी के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने के लिए किया था।
कामाख्या मंदिर की अधिष्ठात्री देवी कामाख्या माता सती का ही रूप है है। इस मंदिर मे देवी के दर्शन करने के लिए प्रतिदिन हज़ारों भक्त दूर-दूर से मंदिर में आते हैं। ऐसा माना जाता है कि कामाख्या मंदिर का निर्माण और जीर्णोद्धार 8वीं और 17वीं शताब्दी में अनेक बार किया गया था।
कामाख्या देवी मंदिर असम के गुवाहाटी में नीलाचल पर्वत पर स्थित है। कामाख्या मंदिर का प्रागण मुख्य रूप से दस महाविद्या (काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमलात्मिका) को समर्पित है। अगर आप कामाख्या मंदिर जाना चाहते हैं तो अंबुबाची मेला कामाख्या मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय है।